1.अधें की लकड़ी – ( एक मात्र सहरा ) – मुकेश ही बुढ़ापे में मुझ अंधे की लकड़ी
है
2.अंग – अंग ढीला होना – ( थक
जाना ) – दिन भर काम करने से मजदूर का अंग – अंग ढीला हो जाता है
3.अंगूठा दिखाना – ( विश्वास दिलाकर मौके पर इंकार कर देना
) – नेता लोग चुनाव के दिनों में अनेक वायदे करते , परन्तु बाद में अंगूठा देखा देते है
4.अपनी खिचड़ी अलग पकाना – ( सबसे अलग रहना ) – सबके साथ मिलकर रहना चाहिए , अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं
5.अंगुली उठाना – ( दोष लगाना ) – कर्त्तव्य का पालन करने वाले व्यक्ति
पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता
6.आग बबूला होना – ( बहुत क्रोधित होना ) – मोहन की खरी खोटी बात सुनकर राकेश आग
बबूला हो गया
7.आँखों का तारा – ( बहुत प्यारा ) – मोहन अपने माता पिता का आँखों का तारा
है
8.आस्तीन का सांप – ( धोखेबाज ) – अरे विकाश उसकी बातो में मत आना वह तो
निरा आस्तीन का सांप है
9.इधर – उधर की हांकना – ( व्यर्थ
गप्पे मरना ) – सदन सदैव इधर – उधर की हांकता रहता है
10.उलटी गंगा बहना – ( उलटी बातें होना ) – आजकल माता पिता बच्चों से डरने लगे है
अब उलटी गंगा भ रही है
11.उन्नीस बीस का अंतर – ( बहुत कम अंतर ) – राकेश तथा सदन में उन्नीस बीस का अंतर
है
12.कलम तोडना – ( बहुत सुंदर लिखना ) – जयशंकर प्रसाद ने ‘ कामायनी ‘ लिखने में कलम तोड़ दी
13.काम तमाम करना – ( मार देना ) – तलवार के एक ही वार से मोहन ने अपने
सत्रु का काम तमाम कर दिया
14.कान पर जूं न रेंगना – ( कुछ असर न होना ) – में विकाश को समझाकर हार गया हूँ लेकिन
उसके कान पर जूं तक नहीं रेंगती
15.खून खौलना – ( जोश आना ) – शत्रुओं की टुकड़ी देखकर भारतीय जवानों
का खून खौल उठा
16.खून का प्यासा – ( कट्टर शत्रु ) – आज भाई – भाई खून का प्यासा बन गया है
17.खून पिसना एक करना – ( बहुत परिश्रम करना ) – मोहन के पिता जी उसकी पढ़ाई के लिए खून
पसीना एक करते है
18.गले का हार – ( बहुत प्रिय ) – प्रियंका इकलोती बेटी होने के कारण
अपने माता पिता के गले का हार है
19.घी के दिये जलाना – ( प्रसन्न होना ) – जब श्री राम जी अयोध्या में वापस
पहुचें तो लोगों ने घी के दिये जलाये थे
20.चमका देना – ( धोखा देना ) – डाकू पुलिस चकमा देकर भाग गया
21.छक्के छुड़ाना – ( बुरी तरह हरना ) – युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के
छक्के छुड़ा दिये
22.जी चुरना – ( परिश्रम से भागना ) – अच्छे विद्यार्थी कभी पढ़ाई से जी नहीं
चुराते
23.डंका बजाना – ( विजय पाना ) – सारे विश्व में अमेरिका की शक्ति का
डंका बज रहा है
24.थाह लेना – ( पता लगाना ) – किसी के दिल की थाह लेना बहुत कठिन काम
है
25.दम घुटना – ( श्वास लेने में कठिनाई होना ) – आजकल यात्रा के समय इतनी भीड़ का सामना
करना पड़ता है कि कई बार दम घुटने लगता है
26.दंग रह जाना – ( हैरान रह जाना ) – सदन के द्वारा चोरी किए जाने का समाचार
सुनकर सभी दंग रह गए
27.दाल में काला – ( कुछ गडबड ) – आजकल वह तुम्हारे घर के बड़े चक्कर लगा
रहा है मुझे तो कुछ दाल में काला लगता है
28.नानी याद आना – ( घबराना ) – कड़ी मंहगाई में सब को नानी याद आने
लगती है
29.नाकों चने चबाना – ( खूब तंग करना ) – सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीरो ने
अंग्रेजी
सेना के टक्कर लेकर उनको नाकों चने चबा दिए
30.नीचा दिखाना – ( हराना ) – पकिस्तान सदैव भारत को नीचा दिखने की
ताक में रहता है
31.नौ दो ग्यारह होना – ( भाग जाना ) – पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो
गया
32.पगड़ी उछलना – ( अपमान करना ) – बड़ो की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुषो को
शोभा नहीं देता
33.पानी फेर देना – ( नाश कर देना ) – पुत्र ने फेल होकर अपने माता पिता की
सब आशाओं पर पानी फेर दिया
34.पानी – पानी होना –
( बहुत लज्जित
होना ) – मेरे द्वारा सच्ची बात कहने पर सुनील
पानी – पानी हो गया
35.बगुला भगत – ( कपटी ) – सोहन को अपनी कोई बात न बताना वह तो धोखा देने वाला बगला भगत है
36.मैदान मारना – ( जीतना ) – भारतीय सेना ने देखते ही देखते छंब में
मैदान मार लिया
37.रंग उड़ना – ( डर जाना ) – शेर को देखते ही दोनों मित्रों का रंग
उड़ गया
38.रंग में भंग पड़ना – ( मजा किरकिरा होना ) – जलसा शुरू हुआ था कि रंग में भंग पड़
गया
39.लोहे के चने चबाना – ( अति कठिन काम ) – भारत पर आक्रमण करके पाकिस्तान को लोहे
के चने चबाने पड़े
40.लहू पिसना एक करना – ( बहुत परिश्रम करना ) – आजकल अच्छी तरह काम करने के लिए लहू
पिसना एक करना पड़ता है
41.सिक्का जमाना – ( धाक बैठाना ) – रंजित सिंह ने शीघ्र ही अपनी वीरता का
सिक्का अन्य राजाओं पर जमा लिया था
42.हक्का बक्का रह जाना – ( हैरान रह जाना ) – में सरोज की हालत को देखकर हक्का बक्का
रह गया
43.हवा हो जाना – ( भाग जाना ) – सिपाही को अपनी देखकर चोर हवा हो गया
44.हाथ तंग होना – ( पैसे की कमी होना ) – हमारा आजकल हाथ बहुत तंग है कृपया नकद
रुपया दे
45.हाथ दिखाना – ( बहादुरी दिखाना ) – युद्ध में हमारे सैनिकों के हाथ देखकर शत्रु
की सेना मुसीबत में पड़ गई
46.हाथ मलना – ( पछताना ) – अब फेल होने पर हाथ मलने से क्या लाभ
है पहले डट कर परिश्रम करते