दो भारतीय समाजसेवियों भरत वाटवानी और सोनम वांगचुक को रमन मैगसेसे पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इन पुरस्कारों की घोषणा 26 जुलाई 2018 की गई. रमन मैगसेसे पुरस्कार को नोबेल पुरस्कार का एशियाई संस्करण कहा जाता है.
भरत वाटवानी और सोनम वांगचुक इस वर्ष यह अवार्ड जीतने वाले 6 लोगों में शामिल हैं. दोनों समाजसेवियों को समाज में
उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए चुना गया.
चयन का कारण
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भरत वाटवानी मानसिक रोग चिकित्सक हैं जो कि मानसिक रूप से बीमार बेसहारा व्यक्तियों के लिए काम करते हैं.
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वहीं वांगचुक की आर्थिक प्रगति के लिए विज्ञान और संस्कृति का इस्तेमाल करने की पहल ने लद्दाखी युवकों के जीवन में सुधार किया है.
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रमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन ने कहा कि वाटवानी की यह पहचान भारत के मानसिक रूप से पीड़ितों को सहयोग और उपचार मुहैया कराने में उनके साहस और करुणा के काम के प्रति उनके दृढ़ और उदार समर्पण के लिए की गई है.
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इस पुरस्कार के अन्य विजेताओं में युक चांग (कंबोडिया), मारिया डी लोर्ड्स मार्टिंस क्रूज (पूर्वी तिमोर), होवर्ड डी (फिलिपिन) और वी टी होआंग येन रोम (वियतनाम) शामिल हैं.
भरत वाटवानी और सोनम वांगचुक के बारे में
- भरत वाटवानी मुम्बई में रहते हैं और उनकी पत्नी ने मानसिक रूप से पीड़ित बेसहारा लोगों को इलाज के लिए उनके निजी क्लीनिक में लाना आरंभ किया. इससे दोनों ने 1988 में श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन की स्थापना की. इसका उद्देश्य सड़क पर रहने वाले मानसिक रूप से बीमार लोगों को मुफ्त आश्रय, भोजन और मनोरोग उपचार मुहैया कराना तथा उन्हें उनके परिवारों से मिलाना है
- सोनम वांगचुक श्रीनगर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में 19 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र थे जब उन्होंने अपनी शिक्षा के वित्त पोषण के लिए ट्यूशन शुरू की और उन्होंने बिना तैयारी के छात्रों को मेट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद की. 1988 में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद वांगचुक ने ‘स्टूडेंट्स एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (एसईसीएमओएल) की स्थापना की और लद्दाखी छात्रों को कोचिंग देना शुरू किया. वर्ष 1994 में वांगचुक के नेतृत्व में ‘आपरेशन न्यू होप’ शुरू किया गया जिसका उद्देश्य साझेदारी संचालित शैक्षिक सुधार कार्यक्रम को विस्तारित करना और उसे समेकित करना था
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रमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया का सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है.
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इसकी स्थापना 1957 में फिलीपिंस के तीसरे राष्ट्रपति की स्मृति में की गई थी और इस पुरस्कार का नाम उनके
नाम पर रखा गया है।
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यह पुरस्कार औपचारिक रूप से 31 अगस्त 2018 को फिलीपिंस के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा।
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विजेता को पुरस्कार स्वरुप एक प्रमाण पत्र, मेडल एवं नगद पुरस्कार भी दिया जाता है।
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यह उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने बिना स्वार्थ के समाज के लिए अभूतपूर्ण योगदान दिया हो।