Thursday, 2 May 2019

पुरातत्व विभाग को उत्तर प्रदेश के सनौली मे 4000 वर्ष पुरानी कब्रागाह के अवशेष मिले....

पुरातत्व विभाग को उत्तर प्रदेश के सनौली मे 4000 वर्ष पुरानी कब्रागाह के अवशेष मिले....
पुरातत्व विभाग को उत्तर प्रदेश के सनौली मे 4000 वर्ष पुरानी कब्रागाह के अवशेष मिले....

भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) द्वारा हाल ही में उत्तर प्रदेश स्थित सनौली में पुरातात्त्विक उत्खनन के दौरान 4,000 वर्ष पुरानी कब्रगाह और अन्य अवशेष खोजे हैं। विशेषज्ञों द्वारा इस उत्खनन के दौरान चार हज़ार वर्ष पुराने चावल, कोठरियां तथा बर्तन भी खोज निकाले गये हैं। 
इस स्थान पर पुरातत्व विभाग को मृत शरीर के साथ ताबूत, चावल एवं दाल से भरे बर्तन और जानवरों की हड्डियाँ भी मिली हैं। गौरतलब है कि सनौली में पुरातात्त्विक स्थल का उत्खनन पहली बार 2018 में शुरू हुआ था जिसे जनवरी 2019 में फिर से आरंभ किया गया है। यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश के बागपत में स्थित है। इस क्षेत्र में हड़प्पाकाल का सबसे बड़ा रथ पाया गया है। वर्ष 2018 की खुदाई में यहां तीन रथ प्राप्त हुए थे। इसके अतिरिक्त यहां पुरातात्विक महत्व की तलवारें, हथियार, भोज्य पदार्थ आदि मिले हैं। 
मुख्य बिंदु
पुरातत्व विभाग को यहाँ तीन रथ, ताबूत, ढाल, तलवार और हेलमेट जैसे कृति भी मिले हैं जो उस समय के योद्धा वर्ग के अस्तित्व के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। 
यह कब्रगाह परिपक्व हड़प्पा संस्कृति के अंतिम चरण के समकालीन है। उस कालखंड के दौरान ऊपरी गंगा-यमुना दोआब की संस्कृति के पैटर्न को समझने के लिये इस उत्खनन से ज्ञात निष्कर्ष महत्त्वपूर्ण हैं। 
इसके अतिरिक्त खोजकर्ताओं को शवों के अवशेष के साथ मवेशियों की हड्डियाँ, चावल और उड़द की दाल भी मिली है। 
खोजी गई इन कब्रों में से एक कब्र में दफनाये गये व्यक्ति के सिर के पास अर्द्ध-शिला, मिट्टी के बर्तन और तलवार भी रखी गई थी। 
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, भारत सरकार के संस्कृति विभाग के अन्तर्गत एक सरकारी एजेंसी है, जो कि पुरातत्व अध्ययन और सांस्कृतिक स्मारकों के अनुरक्षण के लिये उत्तरदायी होती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के कार्यों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्थलों और स्मारकों की खोज, खुदाई, संरक्षण, सुरक्षा इत्यादि आते हैं। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण का प्रमुख कार्य राष्‍ट्रीय महत्व के प्राचीन स्‍मारकों तथा पुरातत्त्वीय स्‍थलों और अवशेषों का रखरखाव करना है। इसके अतिरिक्त यह पुरावशेष तथा बहुमूल्‍य कलाकृति अधिनियम, 1972 को भी विनियमित भी करता है। भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण संस्‍कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। 

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